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डीएम की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक

डीएम की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक
सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की मदद करने वाले होंगे सम्मानित
बदायूं: 29 अप्रैल। जिलाधिकारी अवनीश राय ने जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी परस्पर विभागीय समन्वय से सड़क दुर्घटनाओं व उससे होने वाली मृत्यु में कमी लाएं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की मदद करने वाले गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति) को चिन्हित किया जाए ताकि अगली जिला सड़क सुरक्षा की बैठक में प्रशस्ति पत्र व पांच हजार रुपए की अनुमन्य धनराशि से उन्हें सम्मानित किया जा सके।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आहूत बैठक में जिलाधिकारी अवनीश राय ने अधिकारियों से कहा कि अभी तक कराए गए कार्यों का विश्लेषण करें। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने स्वयं सड़क सुरक्षा के संबंध में शासन स्तर पर बैठक लेते हुए निर्देश दिए हैं कि सड़क दुर्घटनाएं रोकना शासन की प्राथमिकताओं में है। इसलिए अधिकारी इस पर पूरी गंभीरता से कार्य करें। जहां-जहां सड़कों पर रंबल स्ट्रिप, संकेतक व रोड स्टड लाइट आदि की आवश्यकता है वहां आवश्यक रूप से लगाया जाए ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। उन्होंने विभिन्न मार्गों पर झाड़ियांे की छटाई भी कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को निर्देशित किया कि अधिक सड़क दुर्घटनाओे वाले मुरादाबाद-फर्रुखाबाद मार्ग का मुआयना करें तथा मार्ग के उच्चीकरण अथवा चौड़ीकरण कराने की आवश्यकता होने पर लोक निर्माण द्वारा सड़क निर्माण के लिए जो समेकित योजना शासन को भेजी जानी है उसमें उसे समाहित किया जा सके। उन्होंने फोर-ई (इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट, एजूकेशन व इमरजैंसी केयर) पर भी कार्य करने के निर्देश दिए।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन अम्बरीश कुमार ने बताया कि 01 जनवरी 2024 से 31 मार्च 2024 तक जनपद में 128 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 79 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। इसी प्रकार 01 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक 156 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिनमें 107 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि जनपद में मुरादाबाद-फ़र्रुखाबाद मार्ग पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं व मृत्यु होना प्रकाश में आया है।
उन्होंने बताया कि गत तीन वर्षों की दुर्घटनाओं के आधार पर ब्लैक स्पॉट्स का चिन्हांकन किया जाता है। वर्ष 2024 में 42 ब्लैक स्पॉट्स थे तथा वर्ष 2025 में 33 ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित है। इनमें से 11 राष्ट्रीय राजमार्ग पर, 18 राज्य मार्ग पर व 04 अन्य प्रमुख जिला मार्ग व अन्य जिला मार्गों पर हैं।
उन्होंने विभागीय स्तर पर की गई प्रवर्तन कार्यवाही की जानकारी देते हुए बताया कि 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक ओवर स्पीडिंग पर 310, बिना हेलमेट दो पहिया वाहन चलाने पर 858, पिलियन राइडर बिना हेलमेट के होने पर 77, बिना सीट बेल्ट के 199, रॉन्ग साइड पर 55, ड्रंकन एंड ड्राइविंग पर 06 तथा वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने पर 34 है।
इसके अतिरिक्त ओवरलोडिंग यात्रीवाहन पर 57, ओवरलोडिंग माल वाहनों पर 87 चालान किए गए हैं। इसी प्रकार बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 246, अंडरऐज ड्राइविंग पर 02, वाहन पर रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप ना होने पर 30, स्कूली वाहन मानकों के अनुरूप न पाए जाने पर 16, बिना फिटनेस वाहन संचालन पर 231 चालान किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि हिट एंड रन मामलों में घायल या मृतक के आश्रितों को धनराशि दिए जाने के लिए कराई जाने वाली जांच में जनपद के समस्त उप जिलाधिकारियों के स्तर पर 26 जांचे अभी लंबित हैं। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरुण कुमार, नगर मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार पाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी व समिति के सदस्य मौजूद रहे।
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