विकलांग को रिश्वत न देने की सजा: मुख्यमंत्री आवास योजना से वंचित हुआ गरीब सुनेश
हर्षित मिश्रा
आसफपुर:- सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे, इसके लिए शासन भले ही लाख दावे करे, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। ब्लॉक क्षेत्र आसफपुर के ग्राम भूड़ बिसौली के मजरा खरगपुर निवासी सुनेश पुत्र सत्यपाल मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत चयनित होने के बावजूद आज तक एक अदद छत को तरस रहा है।
वर्ष 2022-23 में सुनेश ने मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवेदन किया था। योजना की प्रक्रिया के अनुसार उसका नाम वर्ष 2023 की अंतिम सूची में शामिल भी किया गया था, लेकिन जब ब्लॉक मुख्यालय पहुंचकर आवास स्वीकृति की उम्मीद लेकर गया, तो उसे रिश्वत देने की मांग का सामना करना पड़ा। सुनेश एक पैर से विकलांग है और उसका विकलांगता प्रतिशत 45 है। आर्थिक स्थिति पहले से ही दयनीय है, ऐसे में सुविधा शुल्क देना उसके बस की बात नहीं थी। आरोप है कि रिश्वत न देने की वजह से उसे योजना से बाहर कर दिया गया।
पीड़ित सुनेश ने कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन हर बार उसे सिर्फ आश्वासन ही मिला। अब जबकि बारिश का मौसम सिर पर है, सुनेश का परिवार टूटी-फूटी झोपड़ी में रहने को मजबूर है। छत टपकती है, दीवारें गिरने को हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
सुनेश ने जिलाधिकारी और उच्चाधिकारियों से पुनः अपील करते हुए कहा है कि उसे आवास योजना का लाभ दिलाया जाए ताकि उसका परिवार सुरक्षित जीवन जी सके। यह मामला न सिर्फ एक गरीब की पीड़ा है, बल्कि सिस्टम की उस संवेदनहीनता का भी उदाहरण है, जिसमें ज़रूरतमंद को उसका हक भी रिश्वत के तराजू पर तौलकर दिया जाता है।