अंतराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून के अंतर्गत मनाए जा रहे बालश्रम निषेध सप्ताह के उपलक्ष्य में आज सायं 4 बजे मुख्य विकास अधिकारी बदायूं की अध्यक्षता में
” बाल श्रम मुक्त जनपद: प्रयास
और सुझाव” विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में सभी स्टेकहोल्डर्स यथा जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला दिव्यांग जन सशक्तीकरण अधिकारी, डिप्टी सीएमओ, अध्यक्ष बाल कल्याण समित
श्रम प्रवर्तन अधिकारी, स्वयं सेवी संगठन से काशी समाज शिक्षा संस्थान, ग्रामीण विकास संस्थान तथा बड़ी संख्या में वालियंटर्स ने प्रतिभाग किया।
गोष्ठी का संचालन करते हुए सहायक श्रमायुक्त ने बाल श्रम
प्रतिषेध एवम विनियमन अधिनियम अधिनियम 1986 यथा संशोधित 2016 पर प्रकाश डाला तथा जनपद में बाल श्रम उन्मूलन हेतु श्रम विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया।
सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि यह अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है
जिस पर सभी को प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि आर्थिक स्थिति इसका मुख्य कारण है , बड़ी संख्या में बच्चे रबी की कटाई, आलू की खुदाई के समय स्कूलों से गायब हो जाते हैं तथा खेतों में बाल मजदूरों के रूप में काम करते हैं। इसी प्रकार शादी बारात में बच्चे बैंड बाजा के के साथ लाइट ढोने का काम करते हैं तथा शादी समारोह में कैटरर्स के साथ सर्व करने का काम करते हैं। इन पर विशेष काम करने की आवश्यकता है। प्रभारी चाइल्ड लाइन, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट जिला प्रोबेशन अधिकारी, तथा जिला दिव्यांग जन सशक्तीकरण अधिकारी ने अपने अपने विभागों द्वारा बाल कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी तथा बाल श्रम उन्मूलन के लिए सुझाव भी प्रस्तुत किए। ट्रेड यूनियन अध्यक्ष असरार अहमद ने बाल मजदूरी के मूल कारणों पर प्रकाश डाला तथा बताया कि गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी को दूर किए बिना बाल श्रम का पूरी तरह से समाप्त करना संभव नहीं है। व्यापार मंडल अध्यक्ष जितेंद्र महाजन तथा सागर अरोड़ा ने आश्वस्त किया कि व्यापारी बंधुओं को बाल श्रमिकों से काम न लिए जाने के लिए जागरूक किया जाएगा तथा बाल श्रमिकों से काम लेने वालों को हतोत्साहित किया जाएगा।
