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शायर अहमद अमज़दी बदायूनी एवं समाजसेवी तरुण शर्मा को समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा स्मृति सम्मान 2025 से किया गया सम्मानित।

समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा की द्वितीय पुण्यतिथि पर एक शाम दिनेश चंद्र शर्मा के नाम काव्य संध्या का हुआ आयोजन।

शायर अहमद अमज़दी बदायूनी एवं समाजसेवी तरुण शर्मा को समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा स्मृति सम्मान 2025 से किया गया सम्मानित।

बदायूं गौरव क्लब एवं बदायूं गौरव महोत्सव समिति द्वारा बदायूं गौरव क्लब के संरक्षक समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा की द्वितीय पुण्यतिथि पर अमन हाउस मोहल्ला चौबे मे एक शाम समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा के नाम काव्य संध्या एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम के अध्यक्ष शायर अहमद अमज़दी बदायूंनी, मुख्य अथिति समाजसेवी गीता शर्मा एवं भाजपा नेता
एवं बदायूं गौरव क्लब के मुख्य सचिव पं अमन मयंक शर्मा ने माँ सरस्वती एवं समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।इसके उपरांत समस्त कवियों ,शायरों एवं उपस्थित जनों ने समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर उनको नमन किया।कार्यक्रम में सरस्वती वंदना का पाठ कवि राजवीर तरंग द्वारा किया गया।इसके उपरांत कार्यक्रम के अध्यक्ष उस्ताद शायर अहमद अमज़दी बदायूंनी ने पड़ा-”
काश ऐसा नसीब हो जाए।
वो हमारे क़रीब हो जाए।
प्यार उसका हमें मयस्सर हो।
वो अगर कुछ ग़रीब हो जाए।”
भाजपा नेता एवं राष्ट्रीय कवि पं अमन मयंक शर्मा ने अपने पिता समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा को नमन करते हुए पड़ा-” गम हो खुशी हो या कोई मौसम हो कष्ट का,मेरी हमेशा ढाल बना आशीर्वाद है।जिस पथ पे मै चलूँ चले उस पथ पे ही सदा,मेरे पिताजी आप का आशीर्वाद है।।”
उन्होंने पड़ा-“चटक धूप सी जिंदगी, नहीं दूर तक छांव।।
बिना पिता जी आपके, जलते मेरे पांव।।”

कवि सुनील शर्मा समर्थ ने पड़ा-”

कर्म के आधार पर अधिकार होना चाहिए।
खोखली बातें हों तो प्रतिकार होना चाहिए।
गंध दे मन को सुगंधित पुष्प वह स्वीकार हो,
गर कषैला मन करे धिक्कार होना चाहिए।”

मशहूर शायर सादिक अलापुरी ने पड़ा-”
मैने चाहा तुझे उम्र भर जिंदगी
फिर भी चल दी नज़र फेरकर ज़िंदगी।
फिक्र करती है अपने तू आगाज़ पर
क्यूं है अंजाम से बेखबर ज़िंदगी।”

कवि शैलेन्द्र मिश्रा देव ने पड़ा-“सिसकियाँ आँसू उदासी में रखा क्या है ,
इश्क़ में पड़ कर किसी को यों मिला क्या है।
आजकल सब पूछते हैं पूछने भर को,
हाल से मेरे किसी को वासता क्या है।”

शम्स मुजाहिद बदायूनी ने पड़ा-“हम हिंद के वासी हैं समझते हमे क्या हो,
तफ़रीक करोगे तो कोई सर न बचेगा।”

कवि राजवीर तरंग ने पड़ा-“वीरान लग रहा है चमन आपके बिना,
गुलशन में कोई आप से बेहतर नहीं रहा।”

कवि अचिन मासूम ने पड़ा-”

मेरा बीता हुआ कल है सुनहरा आज है पापा ।
मेरी हर एक कहानी का सुखद आगाज है पापा ।
तुम्हारे बिन अधूरा मैं है तुमसे पूर्णता मेरी ।
मेरे सपनों के पंखों की बड़ी परवाज़ है पापा ।।”

कवि आकाश पाठक परौली ने समाजसेवी दिनेश चंद शर्मा को याद करते हुए पड़ा- ” पिता को जान कर देखो, पिता भगवान होता है।
मां का हक देह पर होता, पिता तो प्राण होता है।इसके अलावा शायर अच्छन मियाँ, कवि मुकेश तोमर ने भी काव्य पाठ किया।भाजपा नेता एवं बदायूं गौरव क्लब के मुख्य सचिव अमन मयंक शर्मा,
बदायूं गौरव क्लब की महिला अध्यक्ष गीता शर्मा एवं सहसचिव गौरव पाठक ने समस्त कवियों एवं शायरों को
समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा स्मृति साहित्य रत्न सम्मान से फूलमाला पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर
सम्मानित किया।भाजपा नेता पं अमन मयंक शर्मा ने समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा स्मृति सम्मान 2025 की घोषणा करते हुए इस वर्ष का सम्मान साहित्य के क्षेत्र मे उस्ताद शायर अहमद अमज़दी
बदायूंनी एवं समाजसेवा के क्षेत्र में तरुण शर्मा को शाल उड़ाकर ,फूलमाला पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर प्रदान किया एवं सम्मानित किया।अंत मे
पं अमन मयंक शर्मा ने प्रतिज्ञा लेते हुए कहा कि वह बदायूं गौरव क्लब के संरक्षक समाजसेवी दिनेश चंद्र शर्मा की जयंती एवं पुण्यतिथि पर प्रतिवर्ष साहित्यिक,सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयोजन करेंगे।
इस अवसर पर कार्यक्रम की संरक्षक गीता शर्मा,सहसचिव गौरव पाठक
अंजलि मिश्रा,चर्चा पाठक,प्रज्ञा अमन मयंक पाठक,
वैदिक पाठक,नियति मिश्रा,काव्या पाठक ,सुमित शंखधार,अजीत ,रमेश गुप्ता,राधा गुप्ता
सहित प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कवि सुनील शर्मा समर्थ ने किया।

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