18 जुलाई तक पाण्डुलिपि मुद्रण अनुदान योजना हेतु कर सकते हैं आवेदन
बदायूँ: 28 मई। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निदेशक जितेन्द्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रकाशन अनुदान योजना के अन्तर्गत ऐसे रचनाकारों को, जिनकी समस्त स्रोतों से वार्षिक आय पांच लाख रुपये तक है, उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण के लिए अनावर्तक प्रकाशन अनुदान प्रदान करने हेतु प्रस्ताव आमंत्रित हैं। (पुस्तक अधिकतम 200 पृष्ठों की हो) पाण्डुलिपि संलग्न करना अनिवार्य है। प्रस्तुत पाण्डुलिपि वापस नहीं की जाएगी। स्वीकृत पाण्डुलिपि लेखक अथवा लेखक के उत्तराधिकारी द्वारा मुद्रित करायी जायेगी। निर्धारित तिथि तक संस्थान में मुद्रित पुस्तक की पाँच प्रतियाँ एवं मुद्रक का प्रमाण-पत्र संलग्न किया जाना होगा।
उन्होंने बताया कि आवेदन के साथ तहसीलदार द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र, तीन प्रेसों के कोटेशन, दो साहित्यकारों की संस्तुतियाँ संलग्न किया जाना अनिवार्य है। शोध ग्रंथों अथवा सम्पादित पाण्डुलिपि अनुदान हेतु स्वीकार नहीं की जायेगी। नियमानुसार अनुदान लेखक को स्वीकृत होगा। इस योजना की नियमावली एवं आवेदन पत्र का प्रारूप संस्थान कार्यालय से किसी कार्य दिवस में प्राप्त किया जा सकता है। संस्थान में प्रार्थना पत्र जमा करने की अन्तिम तिथि 18 जुलाई, 2025 है। योजनाओं का विवरण एवं प्रार्थना पत्र का प्रारूप संस्थान की वेबसाइट www.uphindisansthan.in पर भी उपलब्ध है।
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