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स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्थाओं को रखें चाक-चौबन्द : डीएम

बदायूं। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने ब्लॉक जगत के नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, गुलड़िया का गुरुवार को औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यहां डॉ0 सना इरफान (संविदा चिकित्साधिकारी), मोहनराज (लैब असिस्टेंट), निधि (संविदा लैब टेक्नीशियन), राकेश कुमार(वार्डब्बॉय) मौके पर उपस्थित मिले। इसके अतिरिक्त संदीप कुमार (फार्मासिस्ट) भी प्रा0स्वा0केन्द्र, गुलड़िया पर तैनात है, उपस्थित स्टाफ द्वारा अवगत कराया गया कि वह वर्तमान में जनपद न्यायालय, बदायूॅ में संचालित डिस्पेन्सरी में सम्बद्ध है। उन्होंने पाया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, गुलड़िया पर मानव संसाधन की आवश्यकता है। डीएम ने चिकित्सा अधीक्षक, सामु0स्वा0केन्द्र, जगत को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले मरीजों की संख्या के दृष्टिगत अतिरिक्त मानव संसाधन की आवश्यकता है, मानव संसाधन की अनुपलब्धता में अन्य कर्मचारियों की रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगायी जाये, जिससे स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से संचालन किया जा सके व मरीजों को सुगमता से उपचार प्राप्त हो सके।    
उन्होनें प्रसव के सम्बन्ध में जानकारी ली, स्टाफ ने बताया कि 09 दिसम्बर को प्रसव हुआ था। प्रसव उपरान्त जच्चा-बच्चा का स्वास्थ्य सही है। उन्होने निर्देशित किया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रसव हेतु आने वाली प्रसूताओं को उचित उपचार प्रदान किया जाये व सम्बन्धित ग्राम की आशाओं द्वारा उन्हें प्रसव हेतु प्रदान की जाने वाली समस्त सुविधाओं के विषय में जानकारी दी जाये, जिससे शासन व प्रशासन की मंशानुरूप अधिक से अधिक प्रसव राजकीय चिकित्सालयों में हो सके। डीएम ने चेतावनी दी कि यदि किसी भी आशा/संगिनी के विषय में प्रसूताओं का प्रसव निजी चिकित्सालय में कराये जाने सम्बन्धी शिकायत प्राप्त होती है, तो उसके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
यहां डीएम ने मरीजों की टी0बी0 की जॉच के बारे में भी जाना। उन्होंने पाया कि विगत माह 01 टी0बी0 के मरीज की रिपोर्ट धनात्मक पायी गयी थी जबकि कुल 02 टी0बी0 के मरीजों की जॉच रिपोर्ट धनात्मक पायी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 05 मलेरिया की जॉचें भी की गयी है। डीएम ने पाया कि यहां प्रतिदिन औसतन लगभग 82 मरीजों की ओ0पी0डी0 होती है। जबकि निरीक्षण तक कुल 20 मरीजों की ओ0पी0डी0 की जा चुकी थी। जिनमें कुछ मरीज प्रथम बार आये थे, डीएम ने मरीजों से वार्ता कर उनके स्वास्थ्य व दवाओं की जानकारी ली। डीएम ने मरीजों से कहा कि स्वास्थ्य केन्द्र, पर दी जाने वाली समस्त सुविधायें निःशुल्क होती है, यदि किसी के द्वारा धनराशि की मांग की जाती है तो तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित कर अपनी शिकायत दर्ज कराये, जिस पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। ओ0पी0डी0 कक्ष के बाहर बैठी एक मरीज द्रोपा देवी निवासी-गुलड़िया से डीएम ने वार्ता कर उनको दिये जाने वाले उपचार के विषय में पूछा, जिस पर  मरीज़ के द्वारा अवगत कराया गया कि उनके सर में सर्दी महसूस हो रही है, चिकित्सालय पर उपचार कराने पर 02-03 दिन से दवाईयां लेने पर अब सही महसूस हो रहा है।
औषधि वितरण कक्ष के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि समस्त आवश्यक औषधियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, किन्तु बच्चों को दिये जाने वाला आयरन सिरप अभी उपलब्ध नहीं है। डीएम ने चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया कि चिकित्सालय भवन में मरम्मत/सिविल कार्य की आवश्यकता है, इसको तत्काल सही कराया जाये साथ ही भवन व समस्त कक्षों को रंगाई-पुताई कर इसको सुसज्जित रखा जाये। उन्होंने निर्देशित किया कि चिकित्सालय में मरीजों व उनके तीमारदारों हेतु आवश्यक मूलभूत सुविधा जैसे पानी की व्यवस्था, बैठने की उचित व्यवस्था, साफ-सफाई आदि की व्यव्सथा की सुचारू रखी जाये। निरीक्षण के समय चिकित्सालय के कक्ष में लगे पर्दे अत्यन्त गन्दे पाये गये, उन्होने निर्देशित किया कि चिकित्सालय परिसर की नियमित साफ-सफाई के साथ-साथ चिकित्सालय में उपलब्ध बैड पर लगी चादर व पर्दे भी नियमित रूप से साफ किये जाये।

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