*लोथर में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई*
देश भक्ति गीतों पर झूमते,गुलाल की बर्षा करते नजर आए ग्रामीण
उघैती:अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती सहसवान विकास खण्ड की ग्रामपंचायत लोथर में शनिवार को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर अहिल्या बाई के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला गया।ग्राम प्रधान श्रीपाल पाल ने अहिल्या बाई के चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी वीरता, समर्पण और धार्मिक कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि अहिल्या बाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौड़ी गांव में हुआ था। पिता मानकों सिंधे पाटीदार थे और माता का नाम सुशीला सिंधे था। उनका विवाह मात्र आठ वर्ष की आयु में खाडे राव से हुआ था।1754 में पति खाडे राव युद्ध में शहीद हो गए, तब अहिल्या बाई ने अकेले ही राजकाज संभाला। महारानी अहिल्या बाई कभी युद्ध नहीं हारी और हमेशा अजय रहीं। उन्होंने धर्म, संस्कृत तथा पुरुषार्थ के क्षेत्र में अपार योगदान दिया। 1780 में काशीनाथ विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। उन्होंने कहा कि हर नारी को अहिल्या बाई की तरह साहस और वीरता से काम करना चाहिए। अहिल्या बाई की मृत्यु 1795 में इंदौर में हुई थी।इस मौके पर वीरपाल पाल,जयवीर डीलर, महेश पाल,वीरेंद्र पाल,छत्रपाल सपेरा,कृष्ण पाल,राजेन्द्र पाल,देवेंद्र पाल,योगेश्वर पाल,देवेंद्र पाल,चेतन दादा पाल,उदयवीर पाल,नीरज कमल,पवन,रामपाल, शिवचरन,के साथ साथ अन्य ग्रामीण मौजूद रहे!