5 जून गंगा दशहरा पर बन रहा है अद्भुत संयोग, करें स्नान और पाएं पापों से मुक्ति
ज्योतिषाचार्य पंडित राहुल भारद्वाज गंगा दशहरा का पर्व शास्त्रों में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है।वैदिक ज्योतिषाचार्य राहुल भारद्वाज के अनुसार, हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की जटाओं से मां गंगा पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं। इस दिन विशेष रूप से गंगा नदी में स्नान करने की परंपरा है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। गंगा दशहरा के अवसर पर गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को अनजाने में की गई गलतियों के लिए पश्चाताप से मुक्ति मिलती है। और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यदि कोई व्यक्ति गंगा नदी में स्नान करने में असमर्थ है, तो वह किसी अन्य पवित्र नदी में गंगा मैय्या का ध्यान करते हुए स्नान कर सकता है। यदि यह भी संभव न हो, तो अपने घर में स्नान के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें और दोनों हाथ जोड़कर मन में गंगा मैय्या को प्रणाम करें। इस वर्ष गंगा दशहरा पर कई शुभ योग का संयोग बनने जा रहा है। आइए जानते हैं। कि इस दिन क्या करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
गंगा दशहरा की दशमी तिथि की शुरुआत 4 जून को रात 11:55 बजे होगी। यह तिथि 6 जून को रात 2:14 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष गंगा दशहरा का पर्व 5 जून, 2025 को ही मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा पर बन रहा है शुभ योग
ज्योतिषाचार्य राहुल भारद्वाज के अनुसार, वर्ष 2025 में गंगा दशहरा, जो 5 जून को है, कई शुभ योगों का निर्माण कर रहा है। इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग, हस्त नक्षत्र और सिद्ध योग का संयोग है, जो अत्यंत शुभ माना जाता है. ज्योतिषाचार्य राहुल जी का कहना है कि गंगा दशहरा के दिन स्नान हमेशा शुभ समय में करना चाहिए, जिससे दोगुना फल प्राप्त होता है। आचार्य जी के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन स्नान का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त में, अर्थात सुबह 04 बजे से 07 बजे तक रहेगा, जब सिद्ध योग भी उपस्थित रहेगा.
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा के अवसर पर पितरों के लिए दान का अत्यधिक महत्व होता है। इस दिन पितरों के नाम पर दान करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही, गंगा स्नान करने से मां गंगा का आशीर्वाद भी मिलता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को फल, जूते, चप्पल, छाता, घड़ा और वस्त्र दान करने की परंपरा है. सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति को स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के पाप, रोग, दोष और विपत्तियों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जल से संबंधित वस्तुएं जैसे घड़ा और लोटा दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।