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प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 हेतु आवेदन प्रक्रिया आरम्भ

बदायूँ। परियोजना अधिकारी डूडा ने जानकारी देते हुए बताया कि निदेशक मिशन निदेशालय सूडा व प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के क्रियान्वन के सम्बन्ध दिशा निर्देश निर्गत किये है।
उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा यूनीफाईड वेब पोर्टल बनाया गया है, जिसका लिंक https://pmaymis.gov.in/pmaymis2_2024/pmaydefault.aspx है। आवेदकों द्वारा केवल ऑनलाइन माध्यम से ही यूनीफाईड वेब पोर्टल पर आवेदन किया जायेगा, जिसमें लाभार्थी को आवेदन करने व वास्तविक समय के आधार पर अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक करने की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत विधवाओं, अविवाहित महिलाओं, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों एवं समाज के अन्य कमजोर व बंचित वर्गों, सफाई कर्मियों, पी०एम० स्वनिधि योजना में लाभान्वित स्ट्रीट वेंडरों, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से आच्छादित विभिन्न कामगारों, आंगनबाड़ी कार्यकताओं, भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों, झुग्गियों, चॉल के निवासियों को स्पेशल फोकस ग्रुप के रूप में चिन्हित करते हुये लाभान्वित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि जनपद/निकाय स्तर पर प्रथमतः पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का सत्यापन करते हुए आवेदकों के चयन की कार्यवाही की जानी है। ऐसे लाभार्थी जिनके माता पिता को केन्द्र एवं राज्य सरकार की किसी भी आवासीय योजना में पूर्व में लाभ/पक्का आवास प्राप्त नहीं हुआ है, उनको प्रथम प्राथमिकता पर योजना में सम्मिलित किया जायेगा। तदपरान्त ऐसे लाभार्थियों को सम्मिलित किया जायेगा, जिनके माता पिता को पूर्व में किसी आवासीय योजना का लाभ प्राप्त हो चुका है।
उन्होंने बताया कि परिवार की वार्षिक आय रू० 3.00 लाख रूपये से अधिक न हो।. ऐसे लाभार्थी परिवार, जिनको विगत 20 वर्षों में केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार की किसी भी आवास योजना के तहत लाभ/आवास प्राप्त हुआ है, यह प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होगा, इस सम्बन्ध में निकाय द्वारा मांग को सत्यापित करते समय लाभार्थी से एक स्व-घोषणा भी प्राप्त की जायेगीं।
उन्होंने बताया कि सभी पात्र लाभार्थियों (परिवार के सदस्यों सहित) के पास आधार, वर्चुअल आई०डी० होनी अनिवार्य है। योजनान्तर्गत आवास पूर्ण होने से 05 वर्ष तक अनिवार्य लॉक-इन अवधि होगी, जिसके दौरान लाभार्थी मकान को विकय या हस्तान्तरण अनुमन्य नहीं होगा।

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