स्वप्न में भी मां-बाप का दिल ना दुखाएं : आचार्य रूप
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव गुधनी में स्थित प्रज्ञा यज्ञ मंदिर पर रविवार को आर्य समाज का साप्ताहिक सत्संग आयोजित किया गया। सामवेद के मंत्रों से आहुतियां देने के पश्चात वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा कि दुनिया के सबसे सुंदर शब्द है मां। माता ही निर्माता होती है। भगवान का रूप होते हैं माता पिता। स्वप्न में भी माता और पिता का कभी हृदय नहीं दुखाना चाहिए। इस मौके पर तृप्ति शास्त्री, संतोष कुमारी, मास्टर साहब सिंह, राकेश आर्य, विशेष कुमार, प्रश्रय आर्य, मोना रानी, तान्या रानी आदि मौजूद रहे।