तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडी में मेडिकल के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने प्रवर्तक श्री 108 सहज सागर जी मुनिराज एवं निर्यापक मुनि 108 श्री नवपदमसागर जी मुनिराज से बारी-बारी से लिया मंगल आशीर्वाद
मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के ऑडी में मेडिकल के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने परम पूज्य आचार्य श्री प्रसन्नसागर महाराज जी के संघस्थ प्रवर्तक श्री 108 सहज सागर जी मुनिराज एवं निर्यापक मुनि 108 श्री नवपदमसागर जी मुनिराज से बारी-बारी से मंगल आशीर्वाद लिया। मुनिश्री सहज सागर जी ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा, डॉक्टर्स को अपने मरीजों को दवा के संग-संग दुआएं भी देनी चाहिए, क्योंकि चिकित्सा के संग अध्यात्मिकता को जोड़ देने से कोई भी रोग ठीक किया जा सकता है। इससे पूर्व मुनिश्री ने मेडिकल कॉलेज का भ्रमण किया। इस दौरान उनकी व्हाइट अप्रैन की पुरानी यादें ताजा हो गईं। उल्लेखनीय है, उन्होंने 1975 में लखनऊ मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस हैं। 2022 तक उन्होंने मैनपुरी में प्रैक्टिस की है। मुनिश्री मेडिकल साइंस में जैन आदर्शों के उपयोग पर मेडिकल स्टुडेंट्स को मंगलाशीर्वाद दे रहे थे। इस मौके पर कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, श्रीमती ऋचा जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी श्रीमती जाहन्वी जैन, श्रीमती नीलिमा जैन, डॉ. कल्पना जैन, डीन मेडिकल एकेडमिक्स प्रो. एसके जैन आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। संचालन चीफ वॉर्डन श्री विपिन जैन ने किया।
डेढ घंटे के मंगलाशीर्वाद कार्यक्रम में मुनिराज ने मेडिकल स्टुडेंट्स से कहा, पॉजिटिव ओरा बढ़ाने के लिए कोरे कागज पर केसर से स्वास्तिक और श्री बनाएं और स्टडी टेबल के सामने लगा लें। इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। दो हजार साल पहले मानव के आहार संबंधी आदतों जैसे- नियमित उपवास, जंक फूड से न खाना, सूर्यास्त से पूर्व आहार लेना, समय पर नींद लेना आदि अपनाने से बीमारियां कंट्रोल में थीं, लेकिन अब खानपान और दिनचर्या बिगड़ने से बीमारियां असीमित हो गई हैं। उन्होंने भक्तांबर पाठ की विशेषताओं पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। अपने अनुभवों को साझा करते हुए बोले, भक्तांबर पाठ से डिप्रेशन, एंजाइटी आदि कंट्रोल रहती हैं। कार्यक्रम में एमबीबीएस के स्टुडेंट्स शामिल हुए। दूसरी ओर जिनालय में अभिषेक और शांतिधारा करने का सिलसिला जारी है। संत भवन में श्रीसंतों के प्रवचन के संग-संग गुरू भक्ति की बयार बह रही है। चांसलर परिवार मुनिराज और आर्यिकाओं के आहारों का साक्षी रहा और पुण्य लाभ कमाया। इस मौके पर डॉ. करुणा जैन, प्रो. रवि जैन, डॉ. आशीष सिंघई, श्रीमती अंजलि सिंघई के अलावा डॉ. अर्चना जैन, श्रीमती अहिंसा जैन आदि शामिल रहे।