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ग्राहकों से रिश्वत लेने वाले बैंक मित्र को एंटी करप्शन टीम ने दबोचा

ग्राहकों से रिश्वत लेने वाले बैंक मित्र को एंटी करप्शन टीम ने दबोचा

पहले ओरिएंटल ऑफ कोमर्स बैंक में करता था मनीष काम

सीधे-साधे बैंक ग्राहकों को फसता था

पूछताछ के बाद और भी बैंक कर्मियों की बढ़ सकती हैं दिक्कतें

बिल्सी। सीबीआई की एंटी करप्शन टीम द्वारा रिश्वत लेते समय गिरफ्तार किए गए पंजाब नेशनल बैंक के प्राइवेट कर्मचारी मनीष कुमार की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। बैंक से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मनीष कुमार इससे पूर्व ओरिएंटल ऑफ कोमर्स बैंक में बतौर प्राइवेट कर्मचारी काम करता था। इस बैंक के पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो जाने के बाद यह पीएनबी में काम कर रहा था। बाद में बैंक द्वारा उसे बैंक मित्र बना दिया। जिससे यह सीधे साधे ग्राहकों को अपने जाल में फंसा कर काम कराने के नाम पर रुपए लेता था। पिछले दो दिन से सीबीआई की एंटी करप्शन टीम के शिकंजे में है। पूछताछ में उससे बहुत कुछ हासिल हो सकता है। जिक्र कर दे की थाना क्षेत्र के गांव हैदलपुर निवासी तेज सिंह मौर्य की एक शिकायत पर सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने दो दिन पहले स्थानीय पंजाब नेशनल बैंक में कार्य प्राइवेट कर्मचारी मनीष कुमार को साढ़े आठ हाजर की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। टीम उसे लखनऊ ले गई है और उससे पूछताछ कर रही है। मनीष कुमार नगर के मोहल्ला संख्या चार का रहने वाला है। बैंक से जुड़े सूत्रों की बात को यदि सच माना जाए तो मनीष शातिर दिमाग है उसने पंजाब नेशनल बैंक से पहले ओरिएंटल बैंक में काम किया। बैंक के अधिकारियों कर्मचारियों से अच्छी सेटिंग होने के कारण ओरिएंटल बैंक के पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो जाने के बाद भी वह पीएनबी में सेवा देता रहा। बैंक में आने वाले ऐसे हर ग्राहक पर नजर रखा था जो परेशान है और उसे पैसों की अधिक आवश्यकता है। किसान क्रेडिट कार्ड या फिर उन योजनाओं का लाभ लेने वाले ग्राहकों को बैंक के कर्मचारी अनेक खामियां बात कर कई चक्कर लगवाते थे अंत में वह प्राइवेट तौर पर काम करने वाले मनीष के जाल में फंस जाते। रिश्वत के तौर पर मनीष रुपए तय करता था और फिर उसे ग्राहक का काम करवाता। लोग कहते हैं कि प्राइवेट कर्मचारी होने के बाद भी उसका रहन-सहन स्थाई कर्मचारी की तरह ही होता था तब लोगों को और भी ज्यादा शक होने लगा था। लगातार काम करने के कारण लोग उसे स्थाई कर्मचारी ही मानते थे। लोगों का कहना है कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया मनीष कुमार सीबीआई की एंटी करप्शन टीम से बच नहीं पाएगा। यह भी माना जा रहा है कि मनीष कुमार से टीम बहुत कुछ उगलवा सकती है तब रिश्वत के मामले में शामिल रहे बैंक के और भी कर्मचारी अधिकारियों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं खैर फिलहाल एंटी करप्शन की टीम उसे लखनऊ ले जाकर पूछताछ कर रही है।

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