बदायूं: ग्राम बरेनिया में बनी नई सड़क महीने भर में उखड़ी, PWD अधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
बदायूं (उत्तर प्रदेश): विकास कार्यों में पारदर्शिता के दावे उस वक्त खोखले साबित हो गए जब दातागंज तहसील के ग्राम बरेनिया में हाल ही में बनी एक पक्की सड़क महज महीने भर में ही टूटकर बिखरने लगी। करोड़ों रुपये के बजट से बनी यह काली सड़क अब सवालों के घेरे में है — और सबसे बड़ी उंगली उठ रही है निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिशासी अभियंता की भूमिका पर।
ग्रामीणों की चेतावनी को किया गया नजरअंदाज
स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के दौरान ही इसकी गुणवत्ता को लेकर कई बार आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने खुले तौर पर आरोप लगाया कि घटिया मटेरियल का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन न तो किसी अधिकारी ने उनकी बात सुनी और न ही ठेकेदार ने गुणवत्ता सुनिश्चित की। ग्रामीणों की माने तो सारी गतिविधियों की जानकारी अधिशासी अभियंता को रही, लेकिन उन्होंने कोई ठोस निरीक्षण नहीं किया।
सड़क की हालत दयनीय, कुछ दिनों में ही बजरी उखड़ी
इस सड़क की हालत बनते ही दयनीय हो चुकी है। काली सतह की बजरी जगह-जगह से उखड़ चुकी है और सड़क की पूरी सतह खुरदुरी हो गई है। इस स्थिति में आम लोगों को निराशा तो है ही, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठता है कि इतनी जल्दी किसी सड़क की यह दशा कैसे हो सकती है?
अधिशासी अभियंता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
स्थानीय लोगों ने साफ तौर पर कहा है कि पूरा प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। आरोप यह भी है कि अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार से सांठगांठ कर निर्माण कार्य की गुणवत्ता की अनदेखी की और सरकारी धन का दुरुपयोग होने दिया। अब यह मामला न सिर्फ ग्रामीणों की नाराजगी का कारण बन चुका है, बल्कि यह सरकारी तंत्र में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत को भी उजागर कर रहा है।
ग्रामीणों की मांग है कि इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी ठेकेदार के साथ-साथ PWD के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो।